Ajmer Seven Wonder to WONDER - आनासागर वेटलैंड एरिया में निर्मित सेवन वंडर्स पार्क का ध्वस्तीकरण अभियान तीसरे दिन भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में अब तक पांच संरचनाएं पूर्णतः ध्वस्त की जा चुकी हैं.
तीन दिनों में यह रहा ध्वस्तीकरण का क्रम
पहला दिन (12 सितंबर):
रोम के कोलोसियम को पूर्णतः गिरा दिया गया
एफिल टावर को तीन भागों में काटकर दो हिस्से उतारे गए
दूसरा दिन (13 सितंबर):
मिस्र के पिरामिड की ध्वस्तीकरण प्रक्रिया पूरी की गई
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को हटाने की कार्रवाई संपन्न हुई
तीसरा दिन (14 सितंबर):
ताजमहल की प्रतिकृति को तोड़ने का कार्य जारी रहा
एफिल टावर का अंतिम भाग हटाना बाकी है
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन
अजमेर विकास प्राधिकरण ने न्यायालय में दिए गए हलफनामे के अनुसार 17 सितंबर तक सभी संरचनाओं को पूर्णतः हटाने का आश्वासन दिया था। वर्तमान में कार्य निर्धारित समय सीमा के अनुसार प्रगति कर रहा है.
12 करोड़ रुपए की परियोजना का अंत
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2022 में लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इन संरचनाओं का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किया गया था। इन प्रतिकृतियों में शामिल थे:
ताजमहल (भारत)
एफिल टावर (फ्रांस)
मिस्र के पिरामिड
पीसा की झुकी मीनार (इटली)
रोम का कोलोसियम
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (अमेरिका)
क्राइस्ट द रिडीमर (ब्राजील)
पर्यावरणीय चिंताओं के कारण आदेश
मामले की पृष्ठभूमि:
11 मार्च 2023 को पूर्व भाजपा पार्षद अशोक मलिक ने एनजीटी में याचिका दायर की
आनासागर झील के वेटलैंड क्षेत्र के विनाश और मास्टर प्लान की अवहेलना का आरोप लगाया
11 अगस्त 2023 को एनजीटी भोपाल बेंच ने ध्वस्तीकरण का आदेश दिया
जनवरी 2024 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की
न्यायालय की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट रूप से कहा था, "आपकी कार्यप्रणाली से यह नहीं लगता कि आप अजमेर को स्मार्ट बनाना चाहते हैं। जल निकायों और वेटलैंड पर अतिक्रमण करके कोई शहर स्मार्ट कैसे हो सकता है?"
स्थानीय प्रतिक्रियाएं
स्थानीय निवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग पर्यटन आकर्षण के नष्ट होने पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, वहीं पर्यावरण प्रेमी इसे आनासागर झील की पारिस्थितिकी के लिए सही कदम मान रहे हैं.
आगे की स्थिति
अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, शेष बची संरचनाओं को भी निर्धारित समय सीमा के भीतर हटा दिया जाएगा। साथ ही गांधी स्मृति उद्यान, पटेल स्टेडियम और फूड कोर्ट की ध्वस्तीकरण प्रक्रिया भी चल रही है.यह घटना स्मार्ट सिटी विकास में पर्यावरणीय मापदंडों के महत्व को रेखांकित करती है और भविष्य की योजनाओं के लिए एक सबक है कि विकास कार्यों में पारिस्थितिकीय संतुलन को सर्वोपरि रखना आवश्यक है.

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