भीलवाडा | भीलवाड़ा में अतिवृष्टि से फसल खराबे के बाद किसानों और आमजन की समस्याओं को लेकर फसल मुआवज़ा जन अधिकार आंदोलन लगातार उग्र रूप ले रहा है। गुरुवार को किसानों का जनसैलाब कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचा और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की।
किसानों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर डटे रहकर अपनी पाँच प्रमुख मांगें रखीं। इनमें अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों की घोषणा कर तुरंत मुआवज़ा दिलाना, सरपंचों को मिले न्यायालय आदेशों की पालना सुनिश्चित करना, पंचायत परिसीमन में जनता की भावनाओं का ध्यान रखना, विद्यालयों में जर्जर भवन व शौचालयों की मरम्मत कर बच्चों की सुरक्षा करना तथा भीलवाड़ा शहर में सीवरेज और सड़क निर्माण कार्यों से उत्पन्न अव्यवस्था को दूर करना शामिल है।
इस आंदोलन में पूर्व मंत्री धीरज गुर्जर, प्रताप सिंह खाचरियावास और प्रहलाद गुंजल समेत कई कांग्रेसी नेता बैलगाड़ी में सवार होकर रैली में शामिल हुए। सभा स्थल पर मंच से धीरज गुर्जर खराब फसल लेकर पहुंचे और किसानों की दयनीय स्थिति को दिखाया।
सभा में संबोधित करते हुए धीरज गुर्जर ने कहा— “कलेक्ट्रेट पर अब आर-पार की लड़ाई होगी। या तो हमारी मांगें पूरी होंगी या फिर यहां से लाश उठेगी।” उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि ने किसानों की मेहनत चौपट कर दी है और सरकार अब तक राहत देने में नाकाम रही है।
कलेक्ट्री परिसर में जिला कलेक्टर और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता जारी है। सूत्रों के अनुसार अभी तक मांगों पर सहमति नहीं बनी है, जिसके चलते कलेक्ट्री पर किसानों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।
इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्री रघुवीर सिंह, उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, अनीता जाटव और सुरेश गुर्जर भी मौजूद रहे। नेताओं ने किसानों की आवाज़ को मजबूती से उठाने का आश्वासन दिया।
खटीक समाज छात्रावास से निकली विशाल रैली कलेक्ट्रेट तक पहुँची। आंदोलन स्थल पर जनता का जनसैलाब उमड़ पड़ा और किसानों ने साफ संदेश दिया कि जब तक मुआवज़ा और बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक संघर्ष और तेज़ किया जाएगा।

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