अजमेर : एक ओर प्रदेश भर की सरस डेयरियां मिड डे मील और मुख्यमंत्री अमृताहार योजना के तहत सप्लाई किए गए दूध पाउडर और दूध के लगभग 360 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के इंतजार में हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार की उदासीनता के चलते इन डेयरी संघों पर भारी आर्थिक संकट गहरा गया है। हालात ये हैं कि अजमेर सरस डेयरी को तो भुगतान के लिए बैंक से लोन लेकर दूध उत्पादकों को पैसा चुकाना पड़ा है, जिस पर 5 करोड़ रुपये का भारी-भरकम ब्याज भी लग चुका है।
अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने एक बयान जारी कर सरकार के इस रवैये पर गहरी चिंता व्यक्त की है। चौधरी ने बताया कि अकेले अजमेर डेयरी की सरकार के पास लगभग 49 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। मिड डे मील के लिए दूध पाउडर की खरीददारी के चलते डेयरी को अपने स्तर पर अन्य संघों से खरीदारी करनी पड़ी, जिसके पेटे अब तक 5 करोड़ रुपये केवल ब्याज के तौर पर चुकाने पड़ गए हैं।
तारीख पे तारीख और बढ़ता कर्ज:
अध्यक्ष चौधरी ने स्पष्ट किया कि समय पर भुगतान न होने के कारण डेयरी को एसबीआई बैंक से लोन लेना पड़ा, ताकि वह अपने दुग्ध उत्पादक किसानों को समय पर पैसा दे सके। किसानों को समय पर भुगतान न मिलने से दूध की आवक पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है, जिससे पूरा दुग्ध उद्योग प्रभावित हो रहा है।
पूर्व सरकार का समयबद्ध भुगतान, 30% एडवांस का प्रावधान:
चौधरी ने पूर्व की कांग्रेस सरकार के भुगतान मॉडल की सराहना करते हुए बताया कि पिछली सरकार मिड डे मील के तहत दूध पाउडर सप्लाई करने पर 30 फीसदी राशि एडवांस में जारी करती थी और समयबद्ध भुगतान की प्रक्रिया भी अपनाई जाती थी। समय पर पैसा मिलने से डेयरी का काम सुचारू रूप से चलता था और किसानों में भी संतोष था।
पूरे प्रदेश में करोड़ों का बकाया:
सरकार के बार-बार आग्रह के बावजूद ध्यान न देने से प्रदेश के सभी डेयरी संघ आहत हैं और केवल आश्वासनों से काम नहीं चल रहा। अजमेर सरस डेयरी की बकाया राशि का विस्तृत ब्यौरा देते हुए चौधरी ने बताया कि आंगनबाड़ी में मुख्यमंत्री अमृताहार योजना के तहत सप्लाई किए गए दूध की भी लगभग 8 करोड़ 37 लाख रुपये की राशि बकाया है।
मिड डे मील के तहत बकाया राशि का कुछ विवरण इस प्रकार है (आंकड़े लाख रुपये में):
| जिला संघ | बकाया राशि |
| अजमेर | 437 |
| ब्यावर | 345 |
| चित्तौड़गढ़ | 1.94 |
| डीडवाना कुचामन | 821 |
| कोटा | 14.31 |
| नागौर | 14.96 |
| पाली | 350 |
| टोंक | 0.30 |
| उदयपुर | 2131 |
डेयरी संघों ने एक बार फिर प्रदेश सरकार से तत्काल और प्राथमिकता के आधार पर बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की है, ताकि दूध उत्पादकों को राहत मिल सके और डेयरी संघों को ब्याज के बोझ से बचाया जा सके।

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