केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री तथा अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने अपने पैतृक गांव मानपुरा पहुँचकर ग्रामीणों के साथ नदी में पूजा-अर्चना की। उनके साथ इस अवसर पर आस-पास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। इस दौरान हर चेहरे पर मुस्कान और खुशी का माहौल देखने को मिला।
उल्लेखनीय है कि रूपा नदी का उद्गम कायड़ के फूलसागर तालाब से होता है। यह नदी मानपुरा, सलेमाबाद और रूपनगढ़ होते हुए सांभर झील में समाहित होती है। स्थानीय मान्यता और लोकजीवन में इस नदी का विशेष महत्व है। पिछले पाँच दशकों से सूखी पड़ी इस नदी के प्रवाह को देखकर ग्रामीणों ने इसे ईश्वर की कृपा और समृद्धि का संकेत माना।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि रूपा नदी केवल जलधारा ही नहीं, बल्कि हमारे लोकजीवन और परंपराओं की जीवनरेखा है। 50 साल बाद इसे भरा हुआ देखना आनंद और आस्था का विषय है। यह हमें जल संरक्षण और प्रकृति के साथ संतुलन की महत्ता का संदेश देती है। पूरे क्षेत्र में नदी के बहाव को लेकर उत्सव जैसा वातावरण रहा। महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग सभी नदी तट पर पहुँचकर पूजा-अर्चना और हर्षाेल्लास में शामिल हुए।
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